
जावर ( सीहोर ) — नशा मुक्त समाज की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल करते हुए श्री आरंभ इंटरनेशनल स्कूल, जावर में नशा मुक्ति अभियान का सफल आयोजन किया गया। यह आयोजन एसडीओपी आकाश अमलकर के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में संपन्न हुआ, जिसमें बच्चों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा के माध्यम से समाज को जागरूक करने का जिम्मा उठाया।कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों द्वारा रंगोली, पेंटिंग और निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लिया गया। सभी प्रस्तुतियों में एक गहरी सामाजिक चेतना और सकारात्मक संदेश देखने को मिला, जिसमें नशे से होने वाली हानियों को दर्शाया गया।एसडीओपी श्री आकाश अमलकर और थाना प्रभारी नीता देहरवाल ने स्वयं कार्यक्रम में पहुंचकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया और विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। अपने प्रेरणादायी संबोधन में श्री अमलकर ने कहा,”नशा एक धीमा ज़हर है, जो व्यक्ति के साथ-साथ पूरे परिवार को प्रभावित करता है। बच्चों को चाहिए कि वे स्वयं भी इससे दूर रहें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें। आप सभी बच्चे देश की नींव हैं और आने वाले समय में यही नींव हमारे समाज की मजबूती का आधार बनेगी।”थाना प्रभारी श्रीमती नीता देहरवाल ने बताया कि जावर नगर व क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार नशा मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है, ताकि समाज का प्रत्येक वर्ग नशे के दुष्प्रभाव से बच सके।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मौजूद रहे — स्कूल के संचालक आनंद छाजेड़, शिवम सोनी, धर्मेंद्र दरबार, और प्रधानाचार्य नरेश पंचोली, जिन्होंने अतिथियों का स्वागत कर बच्चों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की।वहीं, पार्षद वीरेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि, “नशा एक ऐसी आदत है जो व्यक्ति को भीतर से खोखला कर देती है। ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।”यह कार्यक्रम न केवल एक जागरूकता अभियान था, बल्कि यह एक नई पीढ़ी को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ने की प्रेरणास्रोत पहल भी साबित हुआ। एसडीओपी आकाश अमलकर के नेतृत्व में किया गया यह प्रयास निश्चित रूप से समाज को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर है। था, बल्कि यह एक नई पीढ़ी को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ने की प्रेरणास्रोत पहल भी साबित हुआ। एसडीओपी आकाश अमलकर के नेतृत्व में किया गया यह प्रयास निश्चित रूप से समाज को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर है।न था, बल्कि यह एक नई पीढ़ी को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ने की प्रेरणास्रोत पहल भी साबित हुआ। एसडीओपी आकाश अमलकर के नेतृत्व में किया गया यह प्रयास निश्चित रूप से समाज को एक नई दिशा देने की ओर अग्रसर है।